दोस्ती दिवस

कल जब सभी दोस्तों को याद किया , कुछ को व्हाट्स एप,तो कुछ को इंस्टा और एफ बी पर हेलो कहा । लगा चलो सबका हाल चाल पूछते है, गुफ़्तगू न सही , सलामती की दुआ तो कर लेते है। अज़ीब ख़ौफ़, पाला ज़माने ने ,मेरे दोस्तों ने और यारों ने। कुछ ने सोचा ,चलो सलामत है ,तभी याद फरमाया है, कूछ ने सोचा ,ना जाने कौन सी खबर दिल दुखाने, आया है। ना कोई जोश ज़माने में, मिलने का है। ना ही कोई मौका, महफ़िलों के जमने का है। कॅरोना का कहर ,सब के दिलों में छाया है। फिर भी दोस्ती की डोर ने जीवन में महक फैलाया है। दूरी नही इसे मिटा सकती है। दिलोँ में दूरियां नही आ सकती हैं। साथ निभाना ही नही दोस्ती है, राज़ रखना भी ज़रूरी है। कुछ पल इस जहां में जो सुकून के मिले, बेशक वो पल है ,दोस्तों के साथ जिये। इसकी न ही कोई परिभाषा न बंधन है। बस हर हाल में ,जो संग हो ऐसा ये समर्पण है। यही सोच कर सब को मैसेज कर डाला है। सलामती की दुआ के संग,अपने यादों को किया ताज़ा है। और आज इस दोस्तों के दिवस पर हर ईक दोस्त को याद कर डाला।।लोमा। Happy friendship day