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Showing posts from April, 2020

आज बहुत याद आयी

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आज बहुत याद आयी मुझे उसकी आज बहुत याद आयी, फिर एक बार उसकी अहमियत याद आयी, रोज के कामों में साथ उसकी याद ताज़ा हो आयी। दिल के करीब नही पर,फिर भी वो याद आयी, सच जाना आपने ,कामवाली है वो मेरी जिसकी मुझे याद आयी। है परायी पर कितनी अपनी सी वो नज़र आई।मुझको मेरे अपनो को उसकी खिदमत है याद आयी। मेरी कामवाली मुझे बहुत याद आयी। बर्तन करती कपड़े भी वो धोती, झाड़ू और पोछे की भी बात वो याद आयी। उसकी बेबसियां, वो छुट्टी की कहानियां , मुझे उसके मुश्किलातों की इक इक बात याद आयी। साथ था जो उसका ,तो दिन मेरे हसीन थे। मुझे फिर एक बार उसकी फ़रमाइशें भी याद आयीं मोहल्ले की खबर थी,साथ उसके गपशप भी हसीन थी। उसके ईक ईक वकीये को तफ्तीश से बताने की याद आयी जब आती थी बहुत परेशान करती थी। उसका वो देर से आना ,बहाने बनाना झूठ उसके कई फिर याद आए। अपना उसका वो बंधन याद आया , न चाहते हुए भी संग रहने की वो मजबूरी याद आयी, खफा होने पर भी उसके साथ कि यादाआयी, अहमियत मेरी उसके जिंदगी मे , और उसकी मेरी दिनचर्या में बहुत याद आयी। मुझे उसकी बहुत याद आयी, आज बहुत याद आयी।।।...

मन का डर

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जब भी कुछ पकाती हूँ,मन में डर रहता है। जब हॅसती मुस्कुराती हूँ ,तब भी मेरे मन मे डर रहता है। एक अजीब सी बेचैनी रहती है, दिल खोया खोया रहता है , कहीं मेरे अपने देख मुझे डर न जाए ,ये डर हमेशा रहता है। कल क्या होगा पता नहीं, ये बात पता ही रहता है। हर छींक,थूक और संक्रमण का डर हमेशा रहता है। हर मुमकिन करूँ मैं ये कोशिश,ध्यान मुझे यह रहता है। मेरे अपने रहे संग सूरक्षित ,ये डर हमेशा रहता है। कल की सोच कर कहिं ,आज न बिगाडूं ये बात मुझे पता रहता है। बनूँ संबल मैं अपनों का ,बस ख्वाब यही अब रहता है। हर सुबह हो यूँही स्वस्थ उज्वल,बस यही ख्वाब अब रहता है, खुद को करूँ बुलंद इतना,बस यही ख्वाब अब रहता है। अपनों का संबल बन सकूँ,बस ख्वाब यही अब रहता है। संसार मे फैलें इस संक्रमण का ,डर मेरे मन मे रहता है। सूनी सड़कें,प्यासी नदियां, बंजर धरती हो ना जाये ,बस डर मेरे मन में रहता है। कर सकूं मेरे सामर्थ का ,बस ख्वाब यही अब रहता है। डर मेरे मन मे रहता है,सब खोने से मन डरता है। हाँ मन में डर रहता है।।।।लो...

Dastak

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Aaj subah se hi ik khayal man me baar baar dastak de raha tha nahi shayad ye kahon ki pichle kai dino se man me uthal futal macha raha tha aur phir achanak WhatsApp par kisi ka bheja hua message dekh kar mere hath anayas hi shweth kagaz ko syah karte chale gai aap jante hai message kya tha chaliye aap se share kar hi leti hon phir shayad aap samajh sake mere man ke ufan ko To ab aap samjhe my kya kahna chahti hon sach me prakruti ne hame bahoot kutch diya hai jiska hamne khoob anad bhi uthaya par kahte hai na jab cheese hamare pass jada ho jati hai to hame unki kadar nahi hoti thik usi tarah hamne bhi kadar karna band kiya tha taking for granted si halat ho gai thi Pradooshan ,pani ka durupyog, non degradable cheezon ka upyog , aur na jane kya kya hamne sirf prakruti se liya hi liya hai aur jab dene ki bari ayi to keval uska nuksaan hi kiya hai Phir bhi usne bade hi dheeraj aur dildar ban kar hamari galtiyon ke bavajood hamari jarooraton ka khayal rakha hai.pa...