आज बहुत याद आयी

आज बहुत याद आयी मुझे उसकी आज बहुत याद आयी, फिर एक बार उसकी अहमियत याद आयी, रोज के कामों में साथ उसकी याद ताज़ा हो आयी। दिल के करीब नही पर,फिर भी वो याद आयी, सच जाना आपने ,कामवाली है वो मेरी जिसकी मुझे याद आयी। है परायी पर कितनी अपनी सी वो नज़र आई।मुझको मेरे अपनो को उसकी खिदमत है याद आयी। मेरी कामवाली मुझे बहुत याद आयी। बर्तन करती कपड़े भी वो धोती, झाड़ू और पोछे की भी बात वो याद आयी। उसकी बेबसियां, वो छुट्टी की कहानियां , मुझे उसके मुश्किलातों की इक इक बात याद आयी। साथ था जो उसका ,तो दिन मेरे हसीन थे। मुझे फिर एक बार उसकी फ़रमाइशें भी याद आयीं मोहल्ले की खबर थी,साथ उसके गपशप भी हसीन थी। उसके ईक ईक वकीये को तफ्तीश से बताने की याद आयी जब आती थी बहुत परेशान करती थी। उसका वो देर से आना ,बहाने बनाना झूठ उसके कई फिर याद आए। अपना उसका वो बंधन याद आया , न चाहते हुए भी संग रहने की वो मजबूरी याद आयी, खफा होने पर भी उसके साथ कि यादाआयी, अहमियत मेरी उसके जिंदगी मे , और उसकी मेरी दिनचर्या में बहुत याद आयी। मुझे उसकी बहुत याद आयी, आज बहुत याद आयी।।।...