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Showing posts from March, 2020

Just a Thought

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बच्चे और non IT का मज़ा है ये lockdown मर्ज़ी से उठो खाना बनाओ,खा कर फिर social media पर नुक्कड़ जमाओ। थोड़ा सा काम बड़ा ही आराम, घर ही पर जैसे picnic सा आराम। Paper नही, दूध भी कम है , फिर भी देखो दुनिया इनकी स्वर्ग है। छुट्टी को तरसते थे,मिली खूब है छुटियाँ। घर बैठे सोचते हैं अपने फुरसत की मनमर्जीयां। थोड़ी सी परेशानी, थोड़ा सा सुकून है, देखो इनके पास फुरसत का जुनून है। खबरें है सुनते ,उनको फैलाते, समाज को थोड़ा जागरूक, थोड़ा दशहत है फैलाते। कहानी है अलग,जो लोग IT के बन्दे है कहलाते। बेचारे अभी भी हैं computer के सामने,सदा online ही नज़र आते। Meetings और projects में उलझे है ऐसे, जैसे work from home से ही हो ज़िन्दगी ऐसे। Work for home भी करना पड़ता है, जब भी ज़रा वक्त मिले जो सुस्ताने को बैठे। रात को foriegn client ,दिन में हिंदुस्तानी इनकी जिंदगी बस रह गयी वही पुरानी। Lockdown से इनका काम बड़ा है Work from home और work for home दोनो ही करना पड़ा है। हाथ बटाने से घर में खुशहाली, नही तो समझ लो...

वासुदेव कुटुम्बकम

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आज सारा विश्व बना वासुदेव कुटुम्बकम , हर प्राणी बोले एक ही नाम, सबको डर है एक ही चीज़ से, सब माने ठीक होती एक ही उपाय से, राम रहीम नानक ही नही, येसु भी है छुट्टी पे। सबका ध्यान एक ही नाम, सब क्यों करते इसे सलाम। एक जुट हो कर सब जग में,व्हाट्सएप्प हो या ट्विटर,फेसबुक में, पोस्ट एक है प्रेकौशन एक है, सबका देखो खौफ एक है, धर्म जाती समाज सब एक है, सब को देखो फैलती ये एक है स्वच्छता से ये डरती है, गर्मी से भी इसे ख़ौफ़ है। हाथ जोड़ कर मिलो सभी से, हाथ मिलाने से ये फैलती है। कॅरोना ये बड़ी जालिम है, छींक, थूक से सर्वव्यापी है, जग इससे खौफ ज़दा है, पर इसके प्रहार से कहाँ बचा है। न सिर्फ इंसान ,सामान भी, इसके फैलाने का कारण बनी है। चलो सब एक जुट होकर अभियान चलाएं, स्वछ भारत ही नही,विश्व को बनाएं एकजुट होकर भी,दूरी हम रख कर, चलो कोरोना को हम भगाएं।।।लोमा।। ।

औरत

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औरत तेरी यही काहनी कभी बेटी,बहन,पत्नी या माई। औरत तेरी यही कहानी, हर रिश्ते की नमक तू सयानी। औरत तेरी यही कहानी।। तेरे बिना नही कोई पूरा, पर दावा ये सबका करे तुझको वो ही पूरा। फिर भी बंदिशें तुझ ही पर, सीता,गौरी,या हो अहिल्या युगों तर। तेरे कपड़े ,तेरा सिंगार,खलते सबको तेरी चाल। सीख सारी है तेरे हक में, कहीं दाग न लग जाये दामन पे। औरत तू तो माँ है सबकी, अबला नही तू सबला युगों की। तेरे हाथों चलना सीखा, राम कृष्ण हो या हो मसीहा। औरत फिर भी है तू अबला, रीत जगत की है ये निराली , औरत तेरी यही कहानी। कहते बराबर का हक है देते, दफ्तर हो या लाइन में हम लगते, फिर भी नज़रें क्यों तुम पर ही टिकती, आंखों से ही क्यों टटोलती रहतीं। औरत तू क्यों आस लगाती, फिर भी सबकी दुत्कार है पाती। घर संभाले दफ्तर तू संभाले, दुनिया के हर क्षेत्र में तू आगे। इस युग मे हर काम है साझे। फिर भी निर्भया है तू औरत, जब तुझको कोई नीच शिकारे। तुझे न्याय अब मिलने लगा है, मृत हो कर शायद सुकून तू पाले। औरत तू तो अर्धांगिनी पुरुष की, अर्ध नारेश्वर को करती पूरी। औरत तू तो सबला दिल से, हर मुश्किल सह जाती खुशी से।फिर क्यों...

कॅरोना

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कॅरोना कॅरोना कॅरोना इससे बचने के लिए तुम कुछ करो ना। सीख माँ की आज काम आई, बाहर से आकर था जब उसने हाथ पैर धुलाई कहती थी माँ कीटाणू होते हैं, जब भी बाहर से आओ तो हाथ पैर और मुँह धोते हैं। आज यही है हमको करना, स्वछता पर अधिक ध्यान है देना। मिलना मिलना हो जितना भी जरूरी। हाथ मिलाने से बचना जरूरी। बचपन की बात वो एक एक कर याद आयी, खाँसने छींकने पर रुमाल थी जो हमने लगाई। आज की जरूरत एक मास्क बन गयी है चीनियों की देखो दिशा बदल गई है। कोई कहता काली मिर्च, कोई अदरक,तो कोइ लहसुन की डली है मसालों की गर्मी हमें जच गई है। घर मे कैद होकर रहना मुनासिब है, भीड़भाड़ से बचना भी जरूरी है। एयरपोर्ट बस अड्डे पर लगा दी पहरेदारी है, ना सोना न चांदी ये तो तस्करी कॅरोना की है। बचाव हमे अब इससे करना है, कॅरोना ये बड़ी जान लेवा कॅरोना है। चीन की बदौलत ये हुई विश्वव्यापी है, कोरिया ,इटली, ईरान, नही अब तो ये भारत भी आई है। बचाव हमे अब इससे करना है, कॅरोना ये बड़ी जान लेवा कॅरोना है।।।लोमा।। Carona ,Carona, Carona, Is se bachne ke liye tum kutch karona। Seekh ma ki aaj kam ayi, Bahar s...