Just a Thought

बच्चे और non IT का मज़ा है ये lockdown


मर्ज़ी से उठो खाना बनाओ,खा कर फिर social media पर नुक्कड़ जमाओ।


थोड़ा सा काम बड़ा ही आराम,


घर ही पर जैसे picnic सा आराम।


Paper नही, दूध भी कम है ,


फिर भी देखो दुनिया इनकी स्वर्ग है।


छुट्टी को तरसते थे,मिली खूब है छुटियाँ।


घर बैठे सोचते हैं अपने फुरसत की मनमर्जीयां।


थोड़ी सी परेशानी, थोड़ा सा सुकून है,


देखो इनके पास फुरसत का जुनून है।


खबरें है सुनते ,उनको फैलाते,


समाज को थोड़ा जागरूक, थोड़ा दशहत है फैलाते।


कहानी है अलग,जो लोग IT के बन्दे है कहलाते।


बेचारे अभी भी हैं computer के सामने,सदा online ही नज़र आते।


Meetings और projects में उलझे है ऐसे,


जैसे work from home से ही हो ज़िन्दगी ऐसे।


Work for home भी करना पड़ता है,


जब भी ज़रा वक्त मिले जो सुस्ताने को बैठे।


रात को foriegn client ,दिन में हिंदुस्तानी


इनकी जिंदगी बस रह गयी वही पुरानी।


Lockdown से इनका काम बड़ा है


Work from home और work for home दोनो ही करना पड़ा है।


हाथ बटाने से घर में खुशहाली,


नही तो समझ लो तकरार है भारी।


Weekend को थोड़ा सा IT को है फुरसत।


उस दिन तो जैसे स्वर्ग मिला है।


Weekend ही weekend ऐसा सपना बुना है,


Lockdown का देखो मज़ा क्या हुआ है


Lockdown का देखो मज़ा ही मज़ा है।।लोमा।।





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