विदाई

आज बच्चा ,चाहे वह लड़का हो या लड़की,अपने उज्वल भविष्य की खोज में, अपनों से दूर होने का दर्द सेहता है। माँ बाप ,भाई बहन ,रिश्तेदारों ,से दूर एक नई दुनिया मे नए सफर पर निकलता है। औऱ वह पल, जो उसके अपनों के ,बिछड़ने का होता है, वह पल, सभी के लिए, उस विदाई के पल सा होता है,जब एक तरफ, बेटी के घर बसने की खुशी होती है, और दूजी तरफ, अपने कलेजे के टुकड़े को, खुद से दूर करने का, दुख होता है। तो चलिए दो पंक्तियां उस विदाई के नाम । आज बच्चा ,चाहे वह लड़का हो या लड़की,अपने उज्वल भविष्य की खोज में, अपनों से दूर होने का दर्द सेहता है। माँ बाप ,भाई बहन ,रिश्तेदारों ,से दूर एक नई दुनिया मे नए सफर पर निकलता है। औऱ वह पल, जो उसके अपनों के ,बिछड़ने का होता है, वह पल, सभी के लिए, उस विदाई के पल सा होता है,जब एक तरफ, बेटी के घर बसने की खुशी होती है, और दूजी तरफ, अपने कलेजे के टुकड़े को, खुद से दूर करने का, दुख होता है। तो चलिए दो पंक्तियां उस विदाई के नाम । बिन ब्याही विदाई , कैसी ये रीत सुहानी आई। देखो आज के कलयुग में कैसी कैसी परिस्थितियां आयीं, बेटी का करना पड़ता ब्याह के पह...