जिंदगी

जाने कहाँ से एक हवा का झोंका आया ढेर सारी वो खुशियां लाया।

कुछ इसी तरह का एहसास था हमारे दिलों में आज।

मेरी सास अपनी खुशी छुपाये नही छुपा पा रही थी।आज उनके पोते और उसकी दुल्हन ने उन्हें जैसे उनके खुशियों की चाबी दे दी हो।

शादी के 6 साल बाद उनका पोता उन्हें परदादी होने का सुख देने वाला था ।।।

हर तरफ खुशी और हिदायतों का नसीहतों और जिम्मेदारियों का माहौल था।ऐसा लग रहा था जैसे हम सभी अपने तजुर्बों का पिटारा उस बेचारी दुल्हन पर उड़ेलदेना चाहते हों।दिन कैसे बीत गया पता ही नही चला।

नई सुबह हुई तो हम सबके मन में नई उमंगे जवां थीं।

सासु माँ जो कई सालों से इस खबर के लिए बेचैन थी उनकी बेचैनियों ने जरा रुख बदला अब वो बाकी जोड़ों पर अपना दबाव और इच्छा प्रकट करने लगीं

ये सब देख कर ऐसा लगा

जिंदगी भी बड़ी अजीब होती है इंसान की इच्छाओं का कहीं अंत नही होता पढ़ लिख लें तो शादी फिर बच्चे। खुशखबरी सुनाएं तो मन मे खलबली लड़का की लड़की।

घर हो तो गाड़ी ।बड़ी अजीब ललक होती है हम सब में कुछ ना चाहते हुए भी बहुत कुछ चाहता है ये मन ।

लगता है जैसे इन्ही चाहतों के कारण ही हम तरक्की करते हैं।अपनी ख्वाहिशों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।

शायद इन्ही सपनों को संजोने का नाम

जिंदगी है ।।लोमा।।

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