माँ

मैं तो माँ हूँ, मैं रुक नही सकती।
रुक भी गयी तो,थम नही सकती।
मेरे संग है मेरा काफिला,
अपने काफिले को रोक नही सकती।
सब कहते है तुम तो माँ हो,
गलती तुम कर नही सकती।
पर मेरी माँ कहती है मुझको,
तुम तो हो मेरी बच्ची,
गलती तुम से भी हो सकती है,
बच्चे माँ की ताकत हैं
और ताकत उनकी माँ ही हो सकती है।
बच्चे पालूं ,घर मै संभालूं।
जरा सा जो मै थक जाऊ,
घर मेरा रुक  सा जाता है।
हर कार्य बिखर सा जाता है।
मेरे अपनों को हो न तकलीफ,
यह सोच मुझे ताकत दिलाता है।
मैं तो माँ हुँ मैं रुक नही सकती,
यह वाक्य मुझे फिर उत्साह दिलाता है।।।लोमा।।।

Comments

Popular posts from this blog

सनातन

गुमनाम मत

करोना मे दोस्ती