बेचैनी भी सुकून है

बड़ा ही सुकून है ,
पास में फोन है ,सिग्नल नहीं दूर दूर है ।
बड़ा ही सुकून है ।
मेघा बरसी  लाइन कट गया,
 देखो इंटरनेट और मोबाइल डाटा का राज मिट गया।
 कोई पेड़ गिरा, की खंभा उखड़ गया,
  जाने कौन सा वायर टूट गया ।
  दिल में सुकून है ,बेचैनी भी जरूर है।
         काम देखो आज हुए पूरे सारे ,
         जल्दी से देखो घर पर हमारे ,
         बड़ा ही सुकून है ,बेचारा दिल तड़प रहा क्यों है ।
         सुकून और बेचैनी के कशमकश में यह है।
          ना कोई व्हाट्सएप, ना कोई सोशल मीडिया,
           खबरें भी देखो कोसों दूर है ।
           गेम भी सारे ऑनलाइन हमारे,
           हर काम में देखो इंटरनेट जरूरी है ।
           बड़ा ही सुकून है                       
  आज देखो बना है खाना दिल से,
   सफाई भी हुई है देखो जम के,
    फेस पैक लगा कर चमकाया भी खूब है,
     बड़ा ही सुकून है, फिर भी बेचैन दिल है ।
                        हर पल का था जो साथी ,
                        हाथों का था जो छाला।
                   कंवर और स्क्रीन गार्ड से, था जिसे हमने संवारा।
                    आज देखो कैसा, रखा वह दूर है ।
                    बेचैन दिल का वो कारण जरूर है ।
     जुदा नही  था इक पल भी मुझसे,
     तड़पा रहा देखो दूर ही दूर से,
      देखो आज वह  भी सुकून में है ,
      बड़ा ही सुकून है ।
      समय जो कि देखो मिलना कठिन था ,
      आज देखो  उसको काटना कठिन है ।
      रुके सारे काम वह पूरे हुए हैं ,
      फिर भी देखो अभी दूसरा पहर है।
       बड़ा ही सुकून है ,जो सिग्नल नहीं है ,
       पर एक बेचैनी , फिर भी कहीं है ।
       हर थोड़ी देर में उसको, चेक कर के आऊं,
        पर इस बेचैनी में भी बड़ा ही सुकून है।
        बड़ा ही सुकून है ,
       जो फ़ोन अभी बन्द है।।लोमा।।

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