बगैर इज़ाज़त
बिना पासपोर्ट बिना वीसा के घूमे जग ये सारा,
खौफज़दा हो जाये हर कोई,
लग न जाये रोग ये हम को यारा।
सारे विश्व को जोड़ा इसने,
अपने महामारी के जाल में।
हो अमीर या गरीब,
हो नेता या प्रजा,
सबकी देखो उड़ा गया ये,नींद अपने प्रकोप से।
फिर भी देखो हम इंसानों ने,
इसको भी है हराया।
बिना खोफ के मास्क गले मे, हमने त्योहार भी मनाया,
स्लोगन अपना बडा सरल है,
जान जानी है ,जाती है तो जाए,
क्यों हम मर मरकर अपनी ज़िंदगी गवाये।
पर मेरे भोले साथी,
तू इस महामारी को समझ न पाया,
तेरे एक को ही नही,तुझसे कईयों को,
तेरे अपनों ,को रोग लगा ये आया।
न देता कोई दस्तक, चुपके से ये आये।
तेरे संग तेरे अपनों को भी रोग ये है फैलाये।
पखवाड़े का खेल है इसका,
तबतक हम रहे अनजान।
घूम घूम कर तबतक देखो,
पहुंचे सबके देह में ये बेईमान।
चीज़ों पर भी देखो इसने,किया बसेरा फ्री में।
गर रहे प्राण तो,फिर मनाएंगे त्योहार हम बारम्बार।
न जाना देखो भूलकर तुम इस बार घर के पार।
वीडियो चैटिंग पर ही लेलो ,
बड़ो से आशीर्वाद और छोटों को प्यार।
।।।।विजय दशमी की शुभकामनाएं।।।।
।।।।लोमा।।।
Nice one Happy Dussehra
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