गुज़रा साल

 


 अजीब साल था ,गुज़र गया  ,चलो अच्छा हुआ ।

कई सपनों को ले गया, किसीके अपनों को ले गया।

अजीब साल था, गुज़र गया  ,चलो अच्छा हुआ ।

कोरोना का कहर बन ,सबपे बरस पड़ा था जो।

हर एक को ख़ौफ़ज़दा ,कर गया था जो,

बच्चों को स्कूल नही, पर क्लासेस दे गया,

खेल के मैदानों में, घर का कमरा  बदल गया,

जिस कामवाली के ना आने पर,दिन न होता था शुरू,

उसके आने पे पाबंदी लगा गया।

दोस्त यार सब घर पर ही मिलजाते हैं,

सोशल मीडिया और ईनटरनेट का जादू चल गया।

कैसा साल था,गुज़र गया,चलो अच्छा हो गया।

घर बैठे मंगवाते सामान, एक कि जगह दस लाते श्रीमान।

विंडो शॉपिंग का चलन ,अब खर्चा बढ़ा गया ,

अम्माज़ान (amazon) ने भी prime  मेंबर को लालच जो दिला दिया।

वर्क फ्रॉम होम का चलन देखो अब ज़ोरों पे चल पड़ा ,

कुकर की सिटी और खाना मीटिंग से पहले बनने लगा।

साल आया गुज़र गया ,वैक्सीन न आ सका।

Election और जीत का देखो ज़ोर न कम हुआ ।

बेख़ौफ़ जनता घूमती है ,अपनी ही धुन में।

  • लॉकडौन भी इनका देखों कुछ न कर सका।

डॉक्टर बने भगवान फिर से एक बार,

ताली थाली दीपसे इनका जो नमन हुआ।

गरीब बेचारा सहमा सा ,बेकार फिर हुआ।

जान जोखिम में डालकर ,काम फिर से शुरू हुआ।

शादियाँ हुई  इस साल भी, सभी ने मज़ा किया,

कुछ ने लाइव तो कुछ ने शादी में जा कर आशीर्वाद दिया।

मास्क पहन कर हम,प्रदूषण मुक्त हुए,

साग सब्जी सामानों को धोकर हम बिल्कुल स्वच्छ रहे।

वायरस के डर ने पूरे साल हमको साफ रखा।

कभी सैनिटाइजर तो कभी साबुन ने अपना काम किया।

कईयों ने इंसानियत का खूब प्रदर्शन भी दिया।

मास्क लगाकर ज़रूरतमंदों का देखो दुख कुछ कम किया।

कैसा साल था चलो अच्छा हुआ गुज़र ही गया।

इंसानों से  दो गज़ ज़मीन भी छीन गया, 

चीनियों की कृपा से मैदान कब्रिस्तान में बदल गया।

अजीब साल था गुज़र गया  चलो अच्छा हुआ ।

कई सपनों को लेगया, किसीके अपनो को ले गया।

अजीब साल था गुज़र गया  चलो अच्छा हुआ ।।लोमा।।


HAPPY NEW YEAR TO ALL MY DEAR FRIENDS

आने वाला साल हम सब के लिए स्वस्थ एवं मंगलमयी हो।

वायरस मुक्त हो,वैक्सीन युक्त हो।



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