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Showing posts from February, 2021

एहसास

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आज कोई कविता नही ,नाही कोई कहानी।आज  बस आप लोगों से कुछ दिल की बात कहने का मन किया। आज जो मेरी मनस्थिति है  यकीनन हर माता पिता अपने जीवन काल मे इससे गुज़रते ही होंगे। अभी रात के 1:20  हो रहे हैं।पर नींद जैसे कोसो दूर थी।सुबह होने पर मेरी प्यारी गुड़िया रितिका का दीक्षान्त समारोह(convocation ceremony) है। इस दिन का शायद  मैने और विनोद ने कई सालों से इंतजार किया है। शायद आप लोगों को अजीब लगे पर जब रितिका lkg में थी तभी  मैंने उसके कॉन्वोकेशन के  सपने देख डाले थे।नही पता था क्या बनेगी या क्या पढेगी पर जो भी  हो कॉन्वोकेशन तो होता ही है सो सपने भी बुनने लगे। अभी थोड़ी देर पहले पता चला कि कल कॉन्वोकेशन है और PM Modiji उसका संबोधन  करेंगे, मेरे तो जैसे खुशी का ठिकाना ही नही रहा। सच मे एक पल जीवन में ऐसा  आता है जब हम बच्चों की उन्नति को अपनी सफलता समझते हैं।आज हम दोनों के लिए बड़ा ही गर्व भरा दिन है । पर हाँ corona मैय्या की दया से सब कूछ ऑनलाइन ही है। काश की परिस्थितियां अनुरूप होती तो हम परिवार वाले सब kgp मे होते एक पर्व सा माहोल होता। पता नही म...

पछतावे के आंसू

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  मेरे प्यारे मित्रों आप सब की दुवाओं का कमाल है कि मैं सही सलामत हूँ, ये मैं इसलिए लिख रहीं हूँ कि आप लोग मेरे नए पोस्ट को पढ कर व्याकुल न हो जाओ । मंशा सिर्फ  इतनी  थी कि  अपनी कलम से मैं उस वेदना को   बता सकूँ जिसका जिक्र भी हम नही करना चाहते  पर शायद ज़रा सी सावधानी लेने से हम अपने इस परिस्तिथि का सामना करने से बच सकते हैं।। अश्क नही थमते,सांसे थम रहीं है, मेरी ज़िंदगी तो देखो ,जैसे रुक रही है। कल तक जो था इक हकीकत ,कल अफसाना हो चुकेगा। सोचा था ना ये मंज़र ,हम को भी यों दिखेगा, रेत, मुट्ठी से देखो फिसलता जिस तरह से, सांसे भी देखो उखड़ रहीं है ,बस अश्क बहते बेवफा से। कई काम थे बाकी, करने को इस जहां में, हर लम्हा जिया था मैंने, ज़िन्दगी के भरम में। रहता था बेपरवा ,सोचा था बड़ी सरल है, हर काम को टाला था कल पर,वो कल ही अब किधर है। अपनों से साथ छूटता, दिखता मुझे हरपल है। सालों की देखो ज़िन्दगी ,बस दो चार पल में गुम है। महामारी के चपेट में हर घर आ रहा है, फिर भी देखो तो, ये मंज़र  से ,कोई भी ख़ौफ़ज़दा कहाँ है। सांसों की डोर को जब टूटते हुए पाया, अपनों संग ...

Emergency ID( EMID)

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 Life is unpredictable. It is full of surprises and we ought to learn from them. Today one of my relatives met with an accident and by the grace of god the injury was not fatal. The whole event disturbed me a lot. In our busy life we are very particular about everything. We try hard to fulfill our wants, and as a result all our humankind is addicted to our smartphone phones. We have become cyborgs who carve for information 24*7 from these electronic boxes. No No No I am not going against the use of them. But their user friendly design has made us human weak and helpless without its presence. I think before any further ado, I should take you to the incident that happened to my relative. My brother in law met with an accident yesterday. On his way to his office, hardly a 10 minute drive, suddenly he lost consciousness and fell off his bike. When he opened his eyes, almost 20 minutes had passed. On opening his eyes, he was shocked, with no clue what was happening around him. He was on...

लाली vs मास्क

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लिपस्टिक मास्क के अंदर कुढ़ रहा था, अपने साथ हो रहे जुल्म को रो रहा था। होंटों पर लगते समय सोचा था इतरायेगा आज। कई दिनों बाद  लाली बिखेरेगा आज। चप्पल भी न पहना था,की मास्क ने ढक दिया, अरमानों को जैसे खिलने से पहले कुचल दिया। लिपस्टिक लगाने वाले हाथों को बुरा भला कह दिया। लाली लबों तक रह गयी,दिलको फिर बहला दिया, मास्क भी ज़रूरी है ,दिल को तसल्ली दे समझा दिया।।लोमा।।