जाने कहाँ गए वो दिन

जाने कहां देखो, वो दिन गया जी,

 साल 2 साल पहले, इधर ही था जी।

 किसी की करतूतों से, गुम गया जी

 आज के वायरस से डर गया जी ।

देखो जी डर के, मास्क भी पहन लिया।

 फिर दूरी भी अपनाई ,डर को भी बिठा लिया।

 चीनी देखो लाए ,दुनिया में इसे बेकार रे।

जल्दी से दवा ढूंढो, मरने लगी अवाम रे।

 जाने कहां देखो वो दिन गया जी ।

साल 2 साल पहले ,इधर ही था जी।

 सब कोई ,नियम से देखो ज़रा काम लो ।

कर लो सोशल डिस्टेंसिंग ,दूरी से ही सलाम लो।

 फिर तो ना फैलेगा , यह वायरस बड़ा ढीठ।

सैनिटाइजर लगा के, हाथों को जमदार से ।

जाने कहां देखो, वो दिन गया जी,

 साल 2 साल पहले, इधर ही था जी।

 किसी की करतूतों से, गुम गया जी

 आज के वायरस से डर गया जी 

 सच्ची-सच्ची कहते हैं, भगाओ इसे  रे।

 वैक्सीनेशंस से  इसका ,इलाज करो रे। 

बातें हैं पते कि, मैं तो यह समझाऊँ।

 मानो मेरा कहना, करोना भगाओ।

स्कूल  भी छूटा रे, नौकरी भी गई रे ।

इसके चलते देखो फंक्शन ना रहे रे।

 जाने कहां देखो, वो दिन गया जी,

 साल 2 साल पहले, इधर ही था जी।

 किसी की करतूतों से, गुम गया जी

 आज के वायरस से डर गया जी ।।लोमा।।

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आपके विचार मेरे लिए प्रेरणा स्तोत्र है।

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