अभागा कॅरोना
जाने कैसी किस्मत ले कर आया ,
जन्मदिन ना किसी ने मनाया।
उम्र बड़ी 1 साल हुआ ,वह भी थोड़ा बड़ा हुआ ।
हरकतें बड़ी म्यूटेशन हुआ,
वह भी इन्फेंट से अब चाइल्ड बना।
पर देखो किसी ने ,ना प्यार किया ,
ना ही खुशी का इज़हार किया ।
जाने कैसी किस्मत लेकर आया,
जन्मदिन न किसी ने मनाया ।
दिन गुजरे फिर देखो इसका खेल बड़ा,
देखो कितना एक्टिव हुआ ,
पर ना खुशी किसी को यह दे पाया ,
जहां गया बस वायरस का डर फैलाया ,
घर-घर डरता अपनाने से ,
बेचारा फिरता बेगाने से।
दुनिया सारी फिरता जाए ,
कोई भी नहीं इसे दिल से अपनाए।
देखो कैसी किस्मत लाया ,जन्मदिन भी न किसी ने मनाया।
पॉजिटिविटी पर सबका ध्यान ,
पर पॉजिटिव टेस्ट रिजल्ट से सभी परेशान ।
करोना से बचने के करते उपाय,
हर इंसान खुद को लाचार पाए।
फिर भी देखो लड़ता जाए,
सैनिटाइजर मास्क और दूरी बनाए ।
देखो एक दिन ये हार जायेगा,
वैक्सीनेशन जब हर कोई लगाएगा।
करोना घर घर ना फैल पाएगा।
अल्पायू का आशीर्वाद लेकर,
Comments
Post a Comment
आपके विचार मेरे लिए प्रेरणा स्तोत्र है।