यादें

छोड़ कर इंसान जाते है यादें नही।
छुपा कर दर्द रखते हैं आसूं नहीं।

कहने को हम है लोगों की भीड़ में।
पर हमसाया मेरा ,संग मेरे ही नही।
आदत बना जो मेरा ,मुझमें बसा वो कहीं।
ना जाने गुम है कहाँ,कहीं सिर्फ यादों में तो नहीं।

उसके बिना न कटती रातें,ना गुजरते पल यादों में।
साथ छोड़ा उसने बीच डगर में,पर सच है वो बेवफा तो नहीं।
छूटा साथ , छूटी ख्वाहिशें ,जिंदगी में जैसे कुछ बचा ही नहीं।
यादें हैं संग देखो अब बस,सच छोड़ कर इंसान जाते हैं लेकिन यादें नहीं।।लोमा।

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