सनातन



सनातन है आज की आवाज,
पर नहीं है यह आम  सी बात, 
वेदों की गूंज, ऋषियों का ज्ञान,
सत्य, अहिंसा, धर्म का मान।

करेंगे जब हम सनातन का सम्मान 
तभी बन पाएगा उन्मुक्त समाज 
नहीं बनना  शरणार्थी हमें  अपने ही देश में।
मेज़बान हैं हम करते स्वागत हर मेहमान का अपने देश में।

अतिथि देवों भवा और अनेकता में एकता 
नारे हमारे सदैव हैं।
पर अन्याय और घुसपैठ का भी करते हम विरोध सदैव हैं।
राणा प्रताप,और लक्ष्मीबाई जैसे कई इसके योद्धा हैं।
भारत का मंथन कर हमें सनातन को बचाना है।
आज की जरूरत  देखो ,सनातन का सम्मान है।
न आदि ना अंत शाश्वत का रूप  सनातन है।
जाति नहीं , कोई भेद,सबसे ऊंचा सनातन है। 

सनातन की सीख है यह ,प्यार बांटो, नफरत नहीं।
बट कर  कटना नहीं हमें है।
संग रह कर , सनातन का, प्रचार करना अब  हमें है।
सनातन करे मानव उद्धार।
कर्म प्रेम और सद्भाव का प्रसार।

गीता रामायण वेद पुराण और उपनिषदों से उज्वलित है सनातन।
कर्म का ज्ञान है सनातन।
जीव का मूल मंत्र है सनातन।
विदेशियों ने सनातनियों को हिन्दुओं का  था नाम दिया।
सिंधु से हिंदू बना हिंदुस्तान फिर 
भरत के भारत का तब हिंदुस्तान  था नाम पड़ा।
अब समय आया है , हमको इक बार फिर आजादी की लौ को जलाना है ।
इस बार सनातन के पथ पर चल कर,भारत को बचाना है।
नमो  ,योगी, नागा हो या साध्वी,
ज्ञान का जोत है जलाते,
सनातन का  घर घर में प्रकाश फैलाते।
कर्म का संदेश है सिखाता,
प्रेम और शांति का दीप जलाता।
हर जीव में ईश्वर का रूप,
सनातन की महिमा है न्यारी,
जग में फैली इसकी गरिमा प्यारी।   loma....

Comments

  1. Wow! Very well written. Great work Mam! Thank you for sharing this.

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  2. Very aptly written for the current scenario of our country. I am a fan of your hindi vocabulary.

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  3. बड़े अच्छे होते है जी आपके कविता

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आपके विचार मेरे लिए प्रेरणा स्तोत्र है।

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